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बीए सेमेस्टर-3 इतिहास

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :160
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2646
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-3 इतिहास

प्रश्न- बक्सर के युद्ध के कारण व परिणामों की विवेचना कीजिए।

अथवा
बक्सर के युद्ध और उसके प्रभावों को समीक्षा कीजिए।
सम्बन्धित लघु उत्तरीय प्रश्न
1. बक्सर के युद्ध की घटनाओं का वर्णन कीजिए।
2. बक्सर के युद्ध के क्या परिणाम हुए? समालोचनात्मक दृष्टिकोण से स्पष्ट कीजिए।
3. बक्सर के युद्ध के क्या कारण थे? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर -

बक्सर के युद्ध के कारण

1760 में मीरजाफर का दामाद मीरकासिम बंगाल का नवाब बना। वह 1756 ई० और उसके बाद के समय में हुए बंगाल के नवाबों में सर्वाधिक योग्य था। उसने अंग्रेजों से की गई सन्धि का अक्षरशः पालन किया। उसने बर्दवान, मेदिनीपुर तथा चटगाँव की जागीरें अंग्रेज कम्पनी को दी, विभिन्न उपहार अंग्रेज अधिकारियों को दिए व मीरजाफर का बकाया लौटाने का वादा किया और दक्षिण के युद्ध के लिए आर्थिक सहायता की। इस सबके अलावा उसने अपने कर्मचारियों को भ्रष्ट आचरण के लिए दण्डित किया। व्यापार वृद्धि पर ध्यान दिया। ब्रिटिश हस्तक्षेप से बंगाल को बचाने का अन्तिम प्रयास किया परन्तु मरकासिम की योग्यता ही उसके पतन का कारण बनी। मीरकासिम ने अंग्रेजों के हाथों की कठपुतली बनने से इन्कार कर दिया और इसे अंग्रेज पसन्द न कर सके जिसके कारण नवाब और अंग्रेजों के बीच झगड़े के निम्न कारण प्रकट हुए

1. नवाब का कार्यक्षम होना - अंग्रेज मीरकासिम को भी मीरजाफर की ही भाँति अपने हाथों का खिलौना बनाना चाहते थे क्योंकि कमजोर नवाब उनके हित में था, जबकि मीरकासिम अपनी क्षमताओं और अधिकारों के प्रति पूरी तरह जागरूक था। उसने सत्ता परिवर्तन में तो अंग्रेजों की सहायता ली थी किन्तु बाद में वह राज्य के आन्तरिक मामलों में कम्पनी के हस्तक्षेप को नहीं स्वीकार करता था, क्योंकि वह कम्पनी को मात्र व्यापारिक गतिविधियों की ही इजाजत दिए जाने के पक्ष में था।

2. व्यापारिक टकराव का बढ़ जाना - कम्पनी को तो मुक्त व्यापार की इजाजत थी किन्तु कम्पनी के कर्मचारी 'दस्तक' नामक मुक्त व्यापार पत्र भारतीय व्यापारियों को कुछ धन लेकर बेच देते थे जिससे राज्य को चुंगी आदि कर न प्राप्त होने से राज्य को आर्थिक हानि हो रही थी। नवाब की इस शिकायत पर कम्पनी द्वारा ध्यान न देने के कारण नवाब ने भारतीय व्यापारियों से भी कर लेना बन्द कर दिया और 9% उत्पाद कर लगाया जो सभी के लिए था। इससे ब्रिटिश व्यापार चौपट हो गया क्योंकि वे भारत से ही कच्चा माल व तैयार माल खरीदते थे और बेचकर लाभ कमाते थे। इस दृष्टि से नवाब कम्पनी के हित में नहीं रहा।

3. बंगाल के हित में सैन्य व राजनीतिक कार्य - वह अपनी राजधानी मुर्शिदाबाद से मुंगेर ले गया, क्योंकि मुर्शिदाबाद कलकत्ता के निकट होने के कारण ब्रिटिश साजिश का शिकार जल्दी हो जाता था। उसने मुंगेर में ही स्वचालित तोपों का कारखाना लगाया। उसने अपने सैनिकों को यूरोपीय तरीके से प्रशिक्षित व सुसज्जित किया। इसके लिए उसने जर्मन सुमरू, आर्मीनियाई अधिकारी गुर्गिन खाँ व एक मुस्लिम अधिकारी मुहम्मद तकी खाँ को नियुक्त किया। उसने प्रशासन व दरबार के व्यय को कम कर दिया तथा कम्पनी के बकाया और सैनिकों के वेतन को पूरी तरह चुकता कर दिया। उसने सभी असन्तुष्टों को भी समझाकर अपनी ओर मिला लिया। यह भी कम्पनी को पसन्द न आया।

4. शाह आलम का प्रश्न - आलमगीर II की मृत्यु के बाद शहजादा शाह आलम को बादशाह घोषित करने को लेकर नवाब व कम्पनी के मध्य मतभेद उपजे। नवाब को भय था कि कहीं शाह आलम को बादशाह घोषित करने के बाद वह उससे नवाबी न ले-ले और कम्पनी बादशाह से लाभ लेने के लिए नवाब पर ऐसा करने के लिए जोर दे रही थी। अंततः नवाब ने उसे बादशाह तो घोषित कर दिया किन्तु उसके मन में कम्पनी के प्रति शंका का बीज पड़ गया।

5. रामनरायन का प्रश्न - रामनरायन नवाब का नाइब-दीवान था। नवाब के नाराज होने पर वह कलकत्ता कम्पनी की शरण में चला गया। कम्पनी अक्सर इस प्रकार के तत्वों को प्रश्रय देती थी किन्तु तत्कालीन ब्रिटिश कम्पनी का गवर्नर वेन्सीटार्ट था जिसने उसे नवाब को रामनरायन लौटा दिया जिससे नवाब को अपनी शक्ति के प्रति आत्ममुग्धता बढ़ी।

युद्ध - उपरोक्त कारणों के चलते मीरकासिम को अपदस्थ कर दिया गया और मीर जाफर को 1763 में पुनः नवाब बनाया गया। 10 जून, 1763 से सितम्बर 1763 तक यह विवाद तीन सामरिक झड़पों के रूप में सामने आया और मीरकासिम भागकर अवध की सीमाओं में चला गया। मीरकासिम ने अवध के नवाब शुजाउद्दौला से सहायता मांगी व बदले में सेना के भाड़े के रूप में गंगा नदी पार करने के बाद 11 लाख रुपये प्रतिमाह देने का वचन दिया। धन व बंगाल में शक्ति वृद्धि की लालसा ने शुजाउद्दौला को भी युद्ध में शामिल कर दिया। अतः अप्रैल 1764 में बक्सर के मैदान में आ डटा। एक तरफ मीरकासिम शुजाउद्दौला व शाहआलम की सेनाएँ थीं जिसमें मीरकासिम व शाहआलम के पास नाम मात्र की सेना थी और शुजाउद्दौला की सेना में 1,50,000 की भीड़ थी जिसमें मात्र 40,000 सैनिक थे।

मेजर चार्नाक की असफलता के बाद मेजर मुनरों ने अंग्रेजी सेना की कमान सम्हाली। उसने शत्रु सेना में धन देकर फूट डालने का प्रयास किया किन्तु सौदेबाजी में मतभेद है। अंततः 22 अक्टूबर, 1764 को बक्सर के युद्ध का आरम्भ सुबह 9 बजे हुआ और दोपहर 12 बजे से पूर्व ही समाप्त हो गया। शुजाउद्दौला की घुड़सवार सेना अंग्रेजों की गोलाबारी का सामना कर सकने में असफल रही और अंग्रेज जीत गए। शाह आलम गिरफ्तार हो गए, मीरकासिम तो पहले ही भाग गया था। शुजाउद्दौला को जुलाई *1765 में अन्तिम बार हराया गया।

परिणाम - बक्सर की लड़ाई ने प्लासी की लड़ाई के परिणामों पर मुहर लगा दी। भारत के राजनीतिक नायकों की कूटनीतिक व सामरिक अक्षमता उजागर हो गई। अंग्रेजों को बंगाल की लूट की प्रमाणपत्र मिल गया।

(i) राजनीतिक - राजनीतिक दृष्टि से इस युद्ध में अंग्रेजों ने उत्तरी भारत के उस समय के सबसे शक्तिशाली नवाब शुजाउद्दौला और मुगल बादशाह को परास्त कर अप्रत्यक्ष रूप से भारत-विजय का अभियान शुरू किया जिसका भारतीय जन-मानस पर अति महत्वपूर्ण मनोवैज्ञानिक असर पड़ा। ये दोनों शक्तियाँ अंग्रेजों से शान्ति के लिए गिड़गिड़ा रही थीं और उनकी दया का पात्र थीं। यह सफलता इतनी महत्त्वपूर्ण थी कि 1857 तक के 90 वर्षों में सिंधिया के अलावा किसी भी उत्तर भारतीय शक्ति ने अंग्रेजों का उत्तर भारत में प्रतिरोध नहीं किया। अवध ने तो घुटने ही टेक दिए।

(ii) बंगाल पर ब्रिटिश प्रभुत्व की सर्वस्वीकार्यता - इस युद्ध के बाद न केवल बंगाल-बिहार पर अंग्रेजी प्रभुत्व स्थाई हो गया बल्कि इससे अंग्रेजों के लिए दिल्ली का मार्ग खुल गया। मुगल सम्राट जो पहले भी अंग्रेजी सहायता चाहता था अब और भी अधिक अंग्रेजी सहायता का इच्छुक हो गया। वह अब न केवल अंग्रेजों के बंगाल, बिहार आधिपत्य को मान गया बल्कि उनके आश्रित बनकर पेंशनर बनने पर भी राजी हो गया। बंगाल का नवाब अपनी स्वतन्त्रता खो बैठा। युद्ध के बाद की सन्धियों से कम्पनी के नवाब को 53 लाख रुपए वार्षिक देना स्वीकारा व रक्षा व्यवस्था, सेना, वित्तीय व्यवस्था तथा विदेशी सम्बन्ध अपने नियन्त्रण में ले लिया। इस खर्चे की भरपाई के बदले में अंग्रेजों ने बंगाल का बिहार की दीवानी व्यवस्था अपने हाथों में ले ली। इस प्रकार इलाहाबाद तक का प्रदेश उनके चरणों में आ गया।

(iii) सैनिक महत्व - बक्सर का युद्ध सैनिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण युद्ध था। प्लासी का युद्ध, युद्ध कौशल के स्थान पर विश्वासघात द्वारा जीता गया था किन्तु इस बक्सर के युद्ध में अंग्रेजों के भी 847 सिपाही मारे गए थे। पूरी सेना में प्रति 8 या 9 सैनिकों में एक सैनिक हताहत हुआ था। इस युद्ध के बाद नई युद्ध प्रणाली अधिक कारगर सिद्ध हुई। निश्चय ही यह अधिक कुशल सेना की अकुशल अप्रशिक्षित व अनुशासनहीन सेना पर विजय थी जो एक भीड़ से ज्यादा कुछ नं थी।

(iv) आर्थिक महत्व - आर्थिक दृष्टि से बक्सर के युद्ध के परिणाम भारतीयों के लिए और भी घातक सिद्ध हुए। अब बंगाल-बिहार की लूट वेग से बढ़ी और अंग्रेजी प्रशासन से बंगाल की लगान- व्यवस्था, उद्योग-धन्धों और व्यापार को हानि पहुँची। ब्रिटेन में औद्योगिक क्रान्ति के पीछे भी प्लासी व बक्सर की विजयें ही थीं। वास्तव में बक्सर की विजय ने प्लासी के निर्णय पर मोहर लगा दी थी। भारत की दासता अब स्पष्ट थी, केवल समय का प्रश्न था।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- भारत में सर्वप्रथम प्रवेश करने वाले विदेशी व्यापारी कौन थे? विस्तृत वर्णन कीजिए।
  2. प्रश्न- भारत में डच शक्ति के आगमन को समझाते हुए डचों के पुर्तगालियों व अंग्रेजों से हुए संघर्षो पर प्रकाश डालिए।
  3. प्रश्न- भारत में पुर्तगालियों के पतन के कारणों का उल्लेख कीजिए।
  4. प्रश्न- फ्रांसीसियों के भारत आगमन एवं भारत में फ्रांसीसी शक्ति के विस्तार को समझाइए।
  5. प्रश्न- यूरोपीय डच कम्पनी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  6. प्रश्न- अंग्रेजों का भारत में किस प्रकार प्रवेश हुआ संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  7. प्रश्न- यूरोपीय फ्रांसीसी कंपनी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  8. प्रश्न- पुर्तगालियों की सफलता के कारण बताइये।
  9. प्रश्न- पुर्तगालियों के असफलता के कारण बताइये।
  10. प्रश्न- आंग्ल-फ्रेंच संघर्ष के विषय में बताते हुए इसके मुख्य कारणों पर प्रकाश डालिये।
  11. प्रश्न- "अपनी अन्तिम असफलता के बावजूद भी डूप्ले भारतीय इतिहास का एक प्रतिभावान एवं तेजस्वी व्यक्तित्व है।" क्या आप प्रो. पी. ई. राबर्ट्स के डूप्ले की उपलब्धियों के सम्बन्ध में इस कथन से सहमत हैं?
  12. प्रश्न- भारत में अंग्रेजों की सफलता के क्या कारण थे?.
  13. प्रश्न- ईस्ट इंडिया कम्पनी के अधीन भारत में हुए सामाजिक और आर्थिक अभावों का वर्णन कीजिए।
  14. प्रश्न- अंग्रेजी कम्पनी के अधीन भारत में सामाजिक एवं धार्मिक सुधारों का वर्णन कीजिए।
  15. प्रश्न- "भारत में फ्राँसीसियों की असफलता का कारण डूप्ले था।' इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
  16. प्रश्न- भारत में साम्राज्य स्थापित करने में अंग्रेजों की सफलता के कारण बताइये।
  17. प्रश्न- प्लासी के युद्ध के कारण व परिणामों की विवेचना कीजिए।
  18. प्रश्न- बक्सर के युद्ध के कारण व परिणामों की विवेचना कीजिए।
  19. प्रश्न- कर्नाटक के युद्ध अंग्रेजों और फ्रांसीसियों की सदियों से परम्परागत शत्रुता का परिणाम थे, विवेचन कीजिये।
  20. प्रश्न- द्वितीय कर्नाटक युद्ध के कारणों और परिणामों की व्याख्या कीजिए।
  21. प्रश्न- उन महत्त्वपूर्ण कारणों का उल्लेख कीजिए जिनसे भारत में प्रभुत्व स्थापना के संघर्ष में फ्रांसीसियों को पराजय और अंग्रेजों को सफलता मिली।
  22. प्रश्न- क्लाइव की द्वितीय गवर्नरी में उसके कार्यों की समीक्षा कीजिये।
  23. प्रश्न- क्लाइव द्वारा बंगाल में द्वैध शासन की विवेचना कीजिये।
  24. प्रश्न- भारत में लार्ड क्लाइव के कार्यों का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिये।
  25. प्रश्न- "प्रथम अफगान युद्ध भारत के इतिहास में अंग्रेजों की सबसे गम्भीर भूल थी।' समीक्षात्मक मूल्यांकन कीजिए।
  26. प्रश्न- भारत में आंग्ल- फ्रांसीसी संघर्ष क्या था? इसके महत्त्व की विवेचना कीजिए।
  27. प्रश्न- द्वैध शासन व्यवस्था के गुण एवं दोषों की विवेचना कीजिए।
  28. प्रश्न- प्रथम आंग्ल-अफगान युद्ध के कारणों एवं परिणामों की विवेचना कीजिए।
  29. प्रश्न- बंगाल के कठपुतली नवाबों के कार्यकाल पर प्रकाश डालिए।
  30. प्रश्न- बंगाल के द्वैध शासन से आप क्या समझते हैं?
  31. प्रश्न- द्वैध शासन की असफलता के क्या कारण थे?
  32. प्रश्न- कालकोठरी की दुर्घटना क्या थी?
  33. प्रश्न- नवाब सिराजुद्दौला के कार्यों पर प्रकाश डालिए।
  34. प्रश्न- भारत में डच शक्ति के उत्थान पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  35. प्रश्न- बक्सर का युद्ध (1764) तथा उसके महत्व की विवेचना कीजिए।
  36. प्रश्न- लॉर्ड क्लाइव द्वारा किये गये सुधारों का वर्णन कीजिए।
  37. प्रश्न- 'क्लाइव भारत में ब्रिटिश साम्राज्य का वास्तविक संस्थापक था। स्पष्ट कीजिए।
  38. प्रश्न- इलाहाबाद की सन्धि की प्रमुख शर्तें क्या थीं?
  39. प्रश्न- प्लासी युद्ध के महत्व की विवेचना कीजिए।
  40. प्रश्न- अलीनगर की सन्धि (सन् 1757 ई.) बताइये।
  41. प्रश्न- सिराजुद्दौला के विरुद्ध अंग्रेजों के मीर जाफर के साथ षड्यंत्र को स्पष्ट कीजिए।
  42. प्रश्न- प्लासी के युद्ध (सन् 1757 ई.) के परिणाम बताइये।
  43. प्रश्न- राबर्ट क्लाइव के विषय में आप क्या जानते हैं?
  44. प्रश्न- बक्सर के युद्ध का महत्त्व बताइये।
  45. प्रश्न- बंगाल में द्वैध शासन का संक्षिप्त वर्णन कीजिये।
  46. प्रश्न- कालकोठरी की दुर्घटना क्या थी?
  47. प्रश्न- वारेन हेस्टिंग्स के सुधारों की विवेचना कीजिए।
  48. प्रश्न- वॉरेन हेस्टिंग्ज के अधीन विदेशी सम्बन्धों की विवेचना कीजिए।
  49. प्रश्न- 1773 के रेग्युलेटिंग ऐक्ट के गुण-दोष क्या थे?
  50. प्रश्न- हैदर अली के कार्यों पर प्रकाश डालिए।
  51. प्रश्न- प्रथम आंग्ल मराठा युद्ध के कारणों एवं परिणामों की विवेचना कीजिए।
  52. प्रश्न- वॉरेन हेस्टिंग्ज के प्रशासनिक एवं राजस्व सुधारों पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  53. प्रश्न- वारेन हेस्टिंग्स के समय नन्दकुमार का क्या मामला था?
  54. प्रश्न- मराठों के पतन के क्या कारण थे?
  55. प्रश्न- पानीपत के युद्ध की प्रमुख घटनाएँ क्या थीं?
  56. प्रश्न- वारेन हेस्टिंग्स के समय अवध की बेगमों का क्या मामला था?
  57. प्रश्न- लार्ड कॉर्नवालिस के सुधारों की विवेचना कीजिए।
  58. प्रश्न- बंगाल की स्थायी भूमि कर व्यवस्था पर प्रकाश डालिए।
  59. प्रश्न- कार्नवालिस ने वॉरेन हेस्टिंग्ज का कार्य पूर्ण किया। विवेचना कीजिए।
  60. प्रश्न- तृतीय मैसूर युद्ध के क्या कारण थे?
  61. प्रश्न- भूमि कर नीति पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  62. प्रश्न- एक साम्राज्य निर्माता के रूप में वेलेजली की भूमिका का मूल्याँकन कीजिए।
  63. प्रश्न- टीपू और वेलेजली के मध्य चतुर्थ आंग्ल-मैसूर युद्ध की कारणों सहित व्याख्या कीजिए।
  64. प्रश्न- लार्ड वेलेजली की सहायक सन्धि प्रणाली को समझाते हुए उसके गुण-दोषों की विवेचना कीजिए।
  65. प्रश्न- वेलेजली तथा फ्रांसीसियों के बीच सम्बन्धों की विवेचना कीजिये।
  66. प्रश्न- टीपू सुल्तान की पराजय के कारण बताइए।
  67. प्रश्न- वेलेजली के अधीन अंग्रेजी साम्राज्य के विस्तार एवं कंपनी के प्रदेश की सीमाओं पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  68. प्रश्न- लार्ड वेलेजली के आगमन के समय भारत की राजनीतिक स्थितियाँ क्या थीं?
  69. प्रश्न- वेलेजली की सहायक सन्धि की शर्तें क्या थीं?
  70. प्रश्न- वेलेजली के अवध के साथ सम्बन्ध पर प्रकाश डालिए।
  71. प्रश्न- वेलेजली की उपलब्धियों का मूल्यांकन कीजिए।
  72. प्रश्न- ठगी को समाप्त करने के लिए लार्ड विलियम बैंटिक ने कहां तक सफलता प्राप्त की?
  73. प्रश्न- ब्रिटिश कम्पनी की भारत में आर्थिक एवं शैक्षिक नीति की विवेचना कीजिए।
  74. प्रश्न- लॉर्ड विलियम बेंटिक के प्रशासनिक एवं सामाजिक सुधारों का मूल्यांकन कीजिए।
  75. प्रश्न- लार्ड विलियम बैंटिक ने सती प्रथा तथा अन्य क्रूर प्रथाओं को बन्द करने की क्या नीति अपनाई? संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  76. प्रश्न- विलियम बैंटिक के समाचार पत्रों के प्रति उदार नीति पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  77. प्रश्न- विलियम बैंटिक के द्वारा नैतिक तथा बौद्धिक विकास के लिए किये गये शैक्षणिक सुधार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  78. प्रश्न- बैंटिक के वित्तीय तथा न्यायिक सुधार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  79. प्रश्न- लार्ड विलियम बैंटिक के प्रशासनिक एवं न्यायिक सुधारों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  80. प्रश्न- ब्रिटिश भारत में स्त्रियों की स्थिति का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  81. प्रश्न- भारत पर ब्रिटिश शासन के सामाजिक प्रभाव का संक्षिप्त उल्लेख कीजिए।
  82. प्रश्न- अंग्रेजों द्वारा पारित सामाजिक कानून पर निबन्ध लिखिए।
  83. प्रश्न- 1833 के चार्टर एक्ट पर एक टिप्पणी लिखिए।
  84. प्रश्न- लार्ड डलहौजी की 'हड़पनीति से आप क्या समझते हैं? इस नीति से ब्रिटिश साम्राज्यवाद को कैसे प्रोत्साहन मिला?
  85. प्रश्न- - डलहौजी के द्वारा किए गए रचनात्मक कार्यों का वर्णन कीजिए।
  86. प्रश्न- लार्ड डलहौजी द्वारा विद्युत तार एवं डाक सुधार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  87. प्रश्न- लार्ड डलहौजी द्वारा रेलवे विभाग में क्या सुधार किये गये?
  88. प्रश्न- लार्ड डलहौजी के प्रशासनिक एवं सैनिक सुधारों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  89. प्रश्न- भारत के आधुनिकीकरण में लार्ड डलहौजी का योगदान क्या था?
  90. प्रश्न- लार्ड डलहौजी को शिक्षा सम्बन्धी सुधारों में कहां तक सफलता प्राप्त हुई? स्पष्ट कीजिए।
  91. प्रश्न- 1853 के चार्टर एक्ट पर टिप्पणी लिखिए।
  92. प्रश्न- रणजीत सिंह का परिचय देते हुए अफगानों एवं अंग्रेजों के साथ सम्बन्धों की विवेचना कीजिए।
  93. प्रश्न- अंग्रेजों और सिक्खों के प्रथम युद्ध के कारण व प्रसिद्ध घटनाओं और परिणामों का वर्णन कीजिये।
  94. प्रश्न- रणजीत सिंह का डोंगरों और नेपालियों से सम्बन्ध को संक्षिप्त में समझाइये |
  95. प्रश्न- रणजीत सिंह के प्रशासन के अंतर्गत भूमिकर एवं न्याय प्रशासन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  96. प्रश्न- रणजीत सिंह ने सैनिक प्रशासन में कहाँ तक सफलता प्राप्त की? संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  97. प्रश्न- प्रथम आंग्ल-सिख युद्ध का वर्णन कीजिए।
  98. प्रश्न- सिक्खों और अंग्रेजों के सम्बन्धों की विवेचना कीजिए।
  99. प्रश्न- हैदराबाद के एक राज्य के रूप में उदय की परिस्थितियों की विवेचना कीजिए।
  100. प्रश्न- हैदराबाद अकस्मात ही विघटनकारी शक्तियों का शिकार हो गया था, विवेचनात्मक उत्तर दीजिये।
  101. प्रश्न- 1724-1802 तक की हैदराबाद की राजनीतिक गतिविधियों का अवलोकन कीजिये।
  102. प्रश्न- टीपू की शासन प्रणाली का सविस्तार से वर्णन कीजिए।
  103. प्रश्न- मैसूर राज्य का विस्तृत अध्ययन कीजिए।
  104. प्रश्न- एंग्लो-मैसूर युद्धों का समीक्षात्मक अध्ययन कीजिये।
  105. प्रश्न- टीपू सुल्तान और मैसूर पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
  106. प्रश्न- मैसूर व इतिहास लेखन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
  107. प्रश्न- 18वीं सदी में, मैसूर की स्थिति से संक्षिप्त रूप से परिचित कराइये।
  108. प्रश्न- 1399 ईस्वी से अठारहवीं सदी के मध्य मैसूर राज्य की स्थिति से अवगत कराइये।
  109. प्रश्न- स्थायी बंदोबस्त से क्या आशय है? लार्ड कार्नवालिस द्वारा स्थायी बंदोबस्त लागू करने के क्या कारण थे?
  110. प्रश्न- ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीयों पर भिन्न-भिन्न कर प्रणाली लगाने का क्या उद्देश्य रहा?
  111. प्रश्न- स्थायी बंदोबस्त ने किस प्रकार जमींदारी व्यवस्था को जन्म दिया?
  112. प्रश्न- भारतीय पुनर्जागरण के कारणों, परिणामों एवं विशिष्टताओं का वर्णन कीजिए।
  113. प्रश्न- 19वीं शताब्दी के प्रमुख सामाजिक-धार्मिक आन्दोलनों को बताइये।
  114. प्रश्न- क्या राजा राममोहन राय को 'आधुनिक भारत का पिता' कहना उचित है?
  115. प्रश्न- भारतीय सामाजिक तथा धार्मिक पुनर्जागरण में आर्य समाज की देनों का उल्लेख कीजिए।
  116. प्रश्न- ब्रह्म समाज के प्रमुख सिद्धान्तों व कार्यों का वर्णन कीजिए।
  117. प्रश्न- भारत के सामाजिक-धार्मिक पुनरुत्थान में स्वामी विवेकानन्द के योगदान का विवरण दीजिए।
  118. प्रश्न- 19-20वीं सदी के जातिवाद विरोधी आंदोलनों का वर्णन कीजिए।
  119. प्रश्न- अहिंसा और सत्याग्रह पर गाँधी जी के विचारों का मूल्याँकन कीजिए।
  120. प्रश्न- रामकृष्ण परमहंस पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
  121. प्रश्न- अछूतोद्धार हेतु भीमराव अम्बेडकर के किए गये कार्यों का वर्णन कीजिए।
  122. प्रश्न- आधुनिक भारत में महिलाओं की स्थिति पर प्रकाश डालिए।
  123. प्रश्न- एक शासक के रूप में अशोक के महत्व का मूल्यांकन कीजिए।
  124. प्रश्न- अस्पृश्यता से आप क्या समझते हैं? इसकी समस्याओं की विवेचना कीजिए।
  125. प्रश्न- भारतीय पुनर्जागरण का क्या अर्थ है?
  126. प्रश्न- ब्रह्म समाज से आप क्या समझते हैं?
  127. प्रश्न- प्रार्थना समाज ने समाज सुधार की दिशा में क्या कार्य किए?
  128. प्रश्न- ईश्वर चन्द्र विद्यासागर के समाज सुधार में किए गए कार्यों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  129. प्रश्न- आर्य समाज की मुख्य शिक्षाएँ व समाज सुधार में किए गए योगदान का वर्णन कीजिए।
  130. प्रश्न- थियोसोफिकल सोसाइटी पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
  131. प्रश्न- स्वामी विवेकानन्द के सामाजिक सुधारों का वर्णन कीजिए।
  132. प्रश्न- भारत में 19वीं सदी में हुए विभिन्न सुधारवादी आन्दोलनों का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
  133. प्रश्न- अश्पृश्यता निवारण के लिए महात्मा गाँधी की सेवाओं का मूल्याँकन कीजिए।
  134. प्रश्न- 20वीं सदी में हुए प्रमुख सामाजिक सुधारों का वर्णन कीजिए।
  135. प्रश्न- समाजवाद पर नेहरू के विचारों का उल्लेख कीजिए।
  136. प्रश्न- आधुनिक काल में जाति प्रथा पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
  137. प्रश्न- भारतीय समाज पर पड़े दो पाश्चात्य प्रभावों का उल्लेख कीजिए।
  138. प्रश्न- नाविक विद्रोह 1946 का महत्व स्पष्ट कीजिए।
  139. प्रश्न- स्वदेशी विचार के विकास का वर्णन कीजिए।
  140. प्रश्न- होमरूल से आप क्या समझते हैं?
  141. प्रश्न- साम्प्रदायिक निर्णय 1932 ई. की समीक्षा कीजिए।
  142. प्रश्न- दाण्डी यात्रा का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत कीजिए।
  143. प्रश्न- श्री अरविन्द घोष के जीवन पर प्रकाश डालिए।
  144. प्रश्न- रामकृष्ण मिशन के कार्यों का वर्णन कीजिए।
  145. प्रश्न- चैतन्य महाप्रभु पर एक टिप्पणी लिखिए।
  146. प्रश्न- 'पुरुषार्थ आश्रमों के मनोनैतिक आधार हैं। टिप्पणी कीजिए।
  147. प्रश्न- उन्नीसवीं सदीं में सामाजिक जागरण के क्या कारण थे?

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